ख्वाबों के पास होता ना ; खाता ना ही बही !
हर ख्वाब लूटे चैन ; हर एक ने कही !
बस उम्र काटते रहें ; सुबहों से शाम तक ;
हमने बितायी जिंदगी ; कैसे कहें सही !
मैंने लगाया प्यार ; पर ; धोखा उपज गया
इस दौर में मासूमियत ; महफूज ना रही !
अब दोस्ती के हश्र के ; किस्से ना पूछिये;
बस जिक्र से जाती उतर ; इज्जत रही सही !
रब ने कहा कि मांग ; कर दू्ं जिंदगी लंबी ;
हमने कहा पलट के ; बस अब नहीं नहीं !
------------------------ तनु थदानी
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