मंगलवार, 15 दिसंबर 2015

Tanu thadani तनु थदानी बस अब नहीं नहीं


ख्वाबों के पास होता ना ; खाता ना ही बही !
हर ख्वाब लूटे चैन ; हर एक ने कही !


बस उम्र काटते रहें ; सुबहों से शाम तक ;
हमने बितायी जिंदगी ; कैसे कहें सही !


मैंने लगाया प्यार ; पर ; धोखा उपज गया
इस दौर में मासूमियत ; महफूज ना रही !


अब दोस्ती के हश्र के ; किस्से ना पूछिये;
बस जिक्र से जाती उतर ; इज्जत रही सही !


रब ने कहा कि मांग ; कर दू्ं जिंदगी लंबी ;
हमने कहा पलट के ; बस अब नहीं नहीं !
------------------------ तनु थदानी

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें