आये तो फूल बन मगर ; हो शूल गये हम !
छोड़ी जमीन ; हेकड़ी में ; झूल गये हम !
चेहरे पे ; बदन बुद्धि पे ; क्यूं नाज हम करें ;
दुनियां से गये ; जब गये ; समूल गये हम !
रहने के लिये देश ; शहर ; घर बनाया फिर ;
औक़ात में रहने की अदा ; भूल गये हम !
जो भूले ख़ुदा को तो ; यूं औक़ात बतायी ;
दो पल के जलजले से ही ; हो धूल गये हम !
------------------------ तनु थदानी
छोड़ी जमीन ; हेकड़ी में ; झूल गये हम !
चेहरे पे ; बदन बुद्धि पे ; क्यूं नाज हम करें ;
दुनियां से गये ; जब गये ; समूल गये हम !
रहने के लिये देश ; शहर ; घर बनाया फिर ;
औक़ात में रहने की अदा ; भूल गये हम !
जो भूले ख़ुदा को तो ; यूं औक़ात बतायी ;
दो पल के जलजले से ही ; हो धूल गये हम !
------------------------ तनु थदानी