भले तुम चोर ही कह लो ; महज़ नींदे चुराऊंगा !
किसी से प्यार हूँ करता ;सो नफरत कर न पाऊंगा !
मुझे न चाहिये तलवार ;अंधेरों से लड़ने को ;
मैं घर के द्वार पे अपने ; दीया बस इक जलाऊंगा !
तेरे घर अब भी इक ;बच्ची ही आ; झाड़ू लगाती है ;
जो तेरा काम जनसेवा है ; तुझको क्या बताऊँगा ?
कुरेदो गंदगी ही गंदगी को ; तेरी फितरत है ;
मेरी आदत है तितली सी ; मैं खुशबू ढ़ूढ़ लाऊँगा !
------------------------ तनु थदानी
किसी से प्यार हूँ करता ;सो नफरत कर न पाऊंगा !
मुझे न चाहिये तलवार ;अंधेरों से लड़ने को ;
मैं घर के द्वार पे अपने ; दीया बस इक जलाऊंगा !
तेरे घर अब भी इक ;बच्ची ही आ; झाड़ू लगाती है ;
जो तेरा काम जनसेवा है ; तुझको क्या बताऊँगा ?
कुरेदो गंदगी ही गंदगी को ; तेरी फितरत है ;
मेरी आदत है तितली सी ; मैं खुशबू ढ़ूढ़ लाऊँगा !
------------------------ तनु थदानी
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