बुधवार, 3 दिसंबर 2014

tanu thadani तनु थदानी गज़ब हैं लोग सियासी

मैं मंदिर तोड़ आऊंगा , तुम मस्जिद तोड़ कर आना !
मैं  ईश्वर  छोड़  बैठा  हूँ , खुदा तुम छोड़ कर आना !

तभी  होगी  हमारी   दोस्ती , जब  भारतीय   होंगे ,
मैं पापा को मनाऊंगा , तुम अब्बू को भी समझाना !

क्यूँ  हमने  चाँद-  बकरे -रंग -टोपी , बाँट डाले  हैं ,
चलो  मैं गाऊं  कव्वाली , भजन तुम भी जरा गाना !

गज़ब  हैं लोग  सियासी , कि जो ज़ज्बात से खेलें,
हम  ही  हैं  शाह, नेताओं  ने  पर, प्यादा हमें माना !

चलो  इनकी  दूकाने  तोड़  , वंदे  मातरम्   बोलें ,
जहाँ  ये  बेचते  हमको  बना  के , धर्म  का दाना !

फ़कत  रस्मों  रिवाजों  ने , हमें  दुश्मन  बनाया  है ,
नहीं तो माँ भी घर में इक सी है ,ओं इक सा है खाना !

महज़ हम भारतीय हो कर जीयें , तो भी सुखी होंगे ,
जरूरी  है  नही  हिन्दुत्व  या , इस्लाम  अपनाना !

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