शनिवार, 8 नवंबर 2014

tanu thadani तनु थदानी बस बात इतनी सी थी

आते  ही  धर्म  थामा , यूं  कमजोर आयें हम!
फिर जातियों को नाम तक में,जोड़ आयें हम!

गानों में भी हिन्दू भजन, मुस्लिम कव्वालियां ,
सुर तक में भी जाति, ओं धर्म ओढ़ आयें हम!

बगिया के फूल थे जीवित,पत्थर तो थे निर्जीव,
उन पत्थरों के खातिर  , फूल तोड़ आयें हम!

ईश्वर  बड़ा  दयालु  तो , हथियार हाथ क्यूँ ?
हर देवता संग शस्त्र तो,किस ओर आयें हम?

बाबू जी  रहें  उम्र  भर  , खिलाफ  पंडो  के ,
पर श्राद्ध में पंडो से , रिश्ता जोड़ आयें हम!

बेहद अजीज दोस्त था पर,था वो मुसलमान,
बस बात इतनी सी थी,दोस्त छोड़ आयें हम! 

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