शनिवार, 1 मार्च 2014

tanu thadani मौसम वोट का क्यूँ आया तनु थदानी

आँखें सपने भर लायी !
नेताओं ने लोरी गायी !

देश लुटा चप्पे - चप्पे ,
कौन  करेगा  भरपाई  ?

लाभ हानि ही पढ़ा लिखा,
फिर अपनी आयु खायी !

इज्जत केवल रस्म बनी ,
ये कैसी कालिख छायी ?

बोयी थी खामोशी फिर,
चींखे कैसे उग आयी ?

मौसम वोट का क्यूँ आया ?
गली गली है घबरायी !!

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें