शनिवार, 22 फ़रवरी 2014

tanu thadani माँ ने अब तक पूछा ही नहीं तनु थदानी


माँ ने अब तक पूछा ही नहीं
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दुःख से जब मैं घिर जाता हूँ , ना रोता ना चिल्लाता हूँ !
चुपचाप  मैं  माँ के  कमरे में , जा माँ को खूब हँसाता हूँ !

माँ हँसती भी  है , कहती भी है , साथ वो हर पल है मेरे,
सब जान  ये माँ  कैसे लेती , मै कभी समझ न पाता हूँ !

इक जादू ही तो है , सर पे , जब हाथ मेरी माँ रखती है ,
दुःख  छू मंतर हो जाते  हैं , इक  बच्चे सा बन जाता हूँ !

मेरी खुशियों को ,सपनों को ,वो अपना लक्ष्य बना लेती,
माँ  मेरी  मुझे  बताती  है , मैं खुद का भाग्य विधाता हूँ !

बीबी - बच्चे सब यार -दोस्त, पूछा करतें हैं घुमा-फिरा,
माँ ने अब तक पूछा ही नहीं ,मैं कितना रोज कमाता हूँ !

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