बुधवार, 22 जनवरी 2014

tanu thadani ये गजब हुआ तनु थदानी

वो घर था जिसमें मेरा , वो मकान पी गई! 
इज्जत भरे बाजार,  छान - छान पी गई! 
   

पीते पिलाते थे जिसे, सम्मान समझ कर,
बोतल वो मेरी मेरा ही, सम्मान पी गई! 


छोटी खुशी समझ के जिसे, घर में लाया था ,
बेटी की खुशी बीबी की वो , जान पी गई! 

टोपी बड़ी थी सर पे मगर, ये गजब हुआ, 
छोटी सी बोतल पूरी , आन -बान पी गई! 

ठेका था लोग  पीते थे, इक दिन पता चला ,
पूरा मुहल्ला मुई  वो, दुकान पी गई  !

शुक्रवार, 10 जनवरी 2014

tanu thadani मेरी मां खुश हो जाती है तनु थदानी



जी हां ! मैं दोस्त बनाता हूं , तभी तो धोखे खाता हूं !
मैं  बुद्धु  बन  के हूं रहता , तभी तो सबको भाता  हूं !

किसी ने अपनापन लूटा , किसी ने अंतस को  लूटा ,
नहीं कुछ घटता रत्ती भर, मैं चाहे  लुट लुट जाता हूं !

किसी के अपने ही बच्चे,छिटक के बिदक के हैं रहते,
वो बच्चे साथ थे मेरे ,क्यूँ कि मैं ,बच्चा बन पाता हूं !

किसी का हाथ मिलाना,गले लगाना,झेल चुका हूं सब,
कभी हमदर्दी मत रखना,समझ मैं सब कुछ जाता हूं !

यहाँ सब खोद के खाई, खुद ही गिरते , रोते हैं रहते,
गिरे गढ्ढे में इक इक कर,  मैं चाहे लाख बताता हूं !

यहाँ पे प्रेम का मतलब,आलिंगन व चुंबन बिस्तर है ,
तभी तो लोग हैं हँसते मुझ पे,मैं तो कृष्ण पढ़ाता हूं !

अरे ईश्वर  ! न  तू इतरा , मैं  तेरे खातिर ना आता ,
मेरी मां खुश  हो जाती है , तभी तो मन्दिर आता हूं !

सोमवार, 6 जनवरी 2014

tanu thadani करुं मैं क्या तनु थदानी


मचलता मन भी जब जब, पत्थरों सा जड़ है लगता !
तभी गजलों  के घर में ,आंसुओ का  दर  है  लगता !

करे  बातें   तमाम ,   मुझसे   मेरी   तन्हाई,
बताती है कि मेरा दिल ही ,उसको घर है लगता !

क्यूँ मेरी आंखे न गीली हुईं , खुद से बिछड़ के ,
क्यूँ मेरा जिस्म सन्नाटे से,मुझको तर है लगता !

मेरी  तन्हाई फिर मुझसे ,लिपट के थरथराई  ,
बोली रो के  ,सन्नाटे से उसको डर है लगता !

हकीकत ये है कि मैं , तप रहा हूँ , जल रहा हूँ ,
करुं मैं क्या जो मेरा जिस्म, ठंडा गंर है लगता !

रविवार, 5 जनवरी 2014

tanu thadani बच्चे कमाते हैं तनु थदानी



जड़ हो गये हम क्यूँ भला ,ऐसा क्या खाते हैं ?
बाबा  को  नौकर, रुपये को , बाबा  बताते हैं !

बाबा की सेवा, यूं  ही ना , मन  मार हैं  करते ,
ये  घर  उन्हीं  के  नाम  है ,  ऐसा  बताते  हैं !

चिन्ता नहीं  बच्चे की , बाबा  घर  में  हैं रहते ,
बीबी  कहे  जानम  चलो , हम  घूम  आते  हैं !

अम्मा  करेगी  क्या  भला , साड़ी  नई  ले के ,
उफ्फ  ! क्या कहेंगे लोग,  चलो ले के आते हैं !

अब  मां  रसोई  में , ओं बाबा , बालकोनी  में ,
देखो  हम फ्लैट  वाले , कैसे  घर  सजाते  हैं !

वो शख्स घर के बाहर जो ,सोता मिला मुझको ,
पूछा  तो  बोला , अब  मेरे , बच्चे  कमाते  हैं !