बुधवार, 7 अगस्त 2013

अवाक से हम रह गयें hey eshwar-3 (tanu thadani) हे ईश्वर -3 { तनु थदानी }awaak se ham rah gayen

हो सीमा या हो खेत  अब ,मरने का  समां हो गया  !
क्यूँ  भारतीयता  का  हमें , अवैध  गुमां  हो  गया  ?

निराश   हूँ   यूँ   कि   यहाँ  ,  इक   भारतीय  नहीं  ,
सिख - मुसलमा -हिंदू  जैसा , खूब  जमा  हो  गया  !

अब   आदमी   के  बारे   में  , बोले  तो   क्या  बोले ,
जब  राम  हिन्दू   हो  गया ,ख़ुदा  मुसलमा हो गया !

कुत्तों   से   सीखा   भौंकना  ,  सीखी   नहीं   वफ़ा  ,
वो  देश  के  हैं  नेता  जी ,सो उनको  क्षमा  हो  गया !

औकात   की   तो   बात   न  , करना   कभी  पगले ,
भारत  समूचा  आजकल ,इंडिया  में  रमा  हो  गया !

रुपया   नहीं   गिरता  कभी , गिरता   हमारा  मोल  ,
न  पूछ  यहाँ  दर्द  की  , कैंसर  को  दमा  हो  गया !

संसद   हमारी   भर  गयी  , गिरगिट   से  अचानक  ,
अवाक से  हम  रह  गयें ,सब  कुछ  यूँ  थमा हो गया !   

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