बुधवार, 27 फ़रवरी 2013

tanu thadani तनु थदानी क्यूँ सूख गया यूं अचानक

साबित  किया  इक  सा  हमें , इस  लाल  रक्त ने!
हम  हैं अलग  फिर क्यूँ  कहा ,ईश्वर  के भक्त  ने?

अब्बा   की  मार   खा  रोया  ,  मासूम   वो बच्चा,
अल्लाह  की  फोटो  क्यूँ  बनाई ,उस  कमबख्त  ने !

उसने   भी  मार   खायी  थी ,  लक्ष्मी   बना  अंधी ,
तड़पाया   रोटी  के  लिये , जब   दोनों   वक्त  ने  !

मुल्ले   हो  या   पंडे   सभी , इक  थैली  के   चट्टे ,
चुगली  की उनकी ,उन्ही  के ,आसन  व  तख्त  ने !

क्यूँ   सूख  गया  यूं  अचानक  ,मैं  तेरे  भीतर  ?
हो   कर दुखी  मुझसे  कहा ,  दिल  के  दरख्त  ने !



मंगलवार, 26 फ़रवरी 2013

चलो हैं दोस्ती सिलते hey eshwar-3 (tanu thadani) हे ईश्वर -3 { तनु थदानी }

चला जो  दौर  बिकने  का , न  सोचा  पीछा  ना  आगा !
बिके  सब  दोस्त  ना जाने ,वो  कैसा  हाट   था  लागा  !

बुरा  था  वक्त  जिसने  चिथड़े , कर  डाले  रिश्तों  के ,

चलो   हैं  दोस्ती   सिलते ,  लाओ  यकीन  का  धागा  !

जो  कर  दी  मेरे  दिल पे  छापेमारी , मेरे   ही सिर  ने ,

खजाना  दोस्ती   का  था , जिसे  वो  लूट  कर  भागा  !

बिगाड़ा  है  हमारा  कल , हमीं  ने  खुद  यहाँ  लेकिन  ,

हमारी  छत  पे  सदियों  से , रहा   बदनाम  है  कागा  !

वो हमसे प्यार है करता hey eshwar-3 (tanu thadani) हे ईश्वर -3 { तनु थदानी },

कोई   भी  बुत  मेरे  साहेब  को , ना  साकार  कर   पाये  !
मुझे    तो  जर्रे- जर्रे   में   , मेरा  साहेब   नजर    आये  !

न  हमसे   पूछ  कैसे   खुद को   ही , हम  नोंच  खाते  हैं ,
धरम  का  मांस  हम में   भूख , आदम  वाली  ललचाये !

बना  मंदिर , बना   मस्जिद ,जो  करते   चापलूसी  हम ,
मेरा  साहेब  हमारी  अक्ल  पे , हँस - हँस   के मुस्काये !

भला   कोई  पिता  क्यूँ  चाहेगा  कि  , उसका  ही  बच्चा ,
करम  को  छोड़ - छाड़  कर , पिता  के  गुण  भला   गाये  !

किया   जीवन  को  ही  पैदा  ,मगर  मस्ती    नहीं  पायी ,
ना अब तक सम  हुये  हम सब ,ना  खुद को भोग ही पाये !

मेरे  साहेब  ने  हम  सबको  बताओ , क्यूँ   यहाँ  भेजा  ?
भला  क्या  इसलिये  कि सारी  बगिया  ख़ाक  कर  जायें !

वो  हमसे  प्यार  है  करता ,वो  सब तक  आ  नहीं  पाता , 
तभी  तो  माँ  बनाई  ताकि , हर  इक  तक  पहुँच  पाये  !