मंगलवार, 28 अगस्त 2012

हम ही बदमाशियां करते hey eshwar-3 (tanu thadani) हे ईश्वर -3 { तनु थदानी }



सभी   हम  खूं   के  रंग  से  एक   हैं , आभास   होता  है  !
मगर  क्यूँ  इक   बना मालिक क्यों , एक  दास  होता है !

कभी   उछला  के   ऊपर  देख  शिशु  , खिलखिलायेगा  ,
तुम्हारे  बच्चे  को  तो  तुम   पे   यूँ  , विश्वास  होता   है  !

ज़माने   के   उछालों   से   कभी  , परेशान   ना    होना ,
तुम्हारा   ईश   भी    हरदम   , तुम्हारे   पास   होता   है  !

हमारे   ओर    चारो    रास्ते    हैं ,   स्वर्ग    के    यारों  ,
मगर   हम   हैं   की  चौराहे   पे , अपना   वास  होता  है !

जो  मीठी  बात  कह  तुमको सुलाए , ख़ास  हो  ना  हो ,
जो   कडवी  बात  कह  तुमको  जगाये , ख़ास  होता  है !  

हम  ही  बदमाशियां  करते   पहन ,कुरते   शराफत के ,
कहे   फिरते   सभी   से   वक्त   ये ,  बदमाश  होता   है !

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