गुरुवार, 31 मई 2012

आओ मेरे आलिंगन में, hey eshwar-3 (tanu thadani) हे ईश्वर -3 { तनु थदानी },




बहरों  की   महफ़िल   में   देखो , कैसे   बात  बताता  हूँ !
गूंगा   बन   के   हाथ- शक्ल  से , मुद्रा  खूब    बनाता हूँ !


जिस दिन दोस्त बना ईश्वर का,खुद ही से मैं बिछुड़ गया,
बहका - बहका  हूँ   रहता  सो , नहीं किसी को  भाता   हूँ !


नींद   भी  मेरी स्वप्न  भी  मेरे ,सब   मुझको ठग जातें हैं ,
प्यार  हूँ करता जिनसे  उनसे ,स्वत : स्वतः ठग जाता हूँ !


मुझे न  बनना चाँद  कि जिसको ,खाती एक अमावास है ,
सूरज  हूँ   मैं  रोज  डूब   कर , लौट - लौट   के   आता हूँ !


मेरे  दुख  में  शामिल  होना , बड़ा   सा   उत्सव  होता  है ,
अपने  दुःख  में  हंसता  हूँ  मैं , सबको  खूब   हंसाता  हूँ !


आओ  मेरे   आलिंगन   में , प्रभु  के प्यारों  बिना हिचक,
कौन  हो , क्यूँ  हो , गले लगा के , यही तो बात बताता हूँ !



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