गुरुवार, 24 मई 2012

मगर मैं प्यार करता हूँ ! hey eshwar-3 (tanu thadani) हे ईश्वर -3 { तनु थदानी },


तुम्हे  घायल  न   कर दें  शब्द , सो  मैं चुप  ही रहता  हूँ  !
मेरी   मासूमियत  रौंदी   तुम्ही  ने , सच   मैं   कहता हूँ  !




नहीं  मांगा   कभी   भी  प्यार , क्यूँ   कि   जानता हूँ  मैं ,
तुम्हे   है  प्यार  जिस्मों   से , मैं   तो  रूहों  में  बहता  हूँ !




मेरी  माँ   को  नहीं  कहना , वो  मर  जायेगी  जीते  जी ,
कि   अपने  ख्वाब   की   उंचाइयों  से  , रोज  ढहता  हूँ !




तुम् ही  कातिल  हो मेरी  हर  ख़ुशी की ,जानती हो तुम ,
मगर  कोई   शिकायत   के  बगैर , चुपचाप  सहता  हूँ  !




वो इक दिन  यूं  भी  आयेगा ,करोगी  खुद घृणा  खुद से ,
तुम्हारे  हश्र   पर पगला  मैं  आखिर , क्यूँ   सहमता  हूँ ?




मैं  चुप्पी  ढो  के  ढहता , फिर सहमता ,साथ  हूँ  रहता ,
तुम्हे  न  प्यार   हो  मुझसे,  मगर  मैं  प्यार   करता हूँ  ! 

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